1.वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी, हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी. 2. यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता . 3. बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन […]
Gulzar Special (Top 20 shayri )
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